1 हमारे गांव के प्रिये अमरा राम जी विश्नोई साहेब।
जो अपने करियर कि सुरुआत गाँव कि सरकारी स्कूलों से कि ।ओर अमरा राम जी ने दसवी से बाहरवी तक मेड़ता रोड हाई सेकडरी स्कूल मे पढाई की......☺️2 पढाई के साथ -साथ खेती का भी काम करते थे।
उसके बाद उनकी शादी कर दी।ओर उसके दो लड़का ओर लडक़ी थे।उसके बाद राजस्थान पुलिस मे नोकरी की।उनका बड़ा लड़का जो बारहवीं कक्षा तक पढाई कि।फिर वो जॉब करने जयपुर गया ।वा पर कोई मोल काम करता था।वा पर रात को मोल मे सो रहा था।वा पर किसी बदमासो ने गोली मार कर मोत के घाट ऊतार दिया।बेटे के सदमे से अमराराम की पत्नी भी मर चुकी थीं।
3 ओर एक बेटा वकील था।:-
अमरा राम जी विश्नोई साहब ने राजस्थान पुलिस की नोकरी बिच मे छोड़ने दी।ओर उसने सोचा गाँव कि सेवा करू।उसके बाद अमरा राम जी विश्नोई साहब ने सरपंच का चुनाव लड़ा।ओर वो 405वोटों विजयी हुई।उसके सामने कैंडिडेट जो कि रिटारमेंट टीचर उनका नाम रामनिवास ग्वाला उनको405 वोटो से हार का सामना करना पड़ा! ........👌👌👌
4 ओर उसने गाँव के गरीब लोगों की सहायता करते थे।उसने 26जनवरी2016 में गाँव की एक मीटिंग की।उसमें एक विदा किया कि अगर गाँव की गोचर जमीन पर कब्जा किया गया है।मैं उस कब्जों किसी भी हाल में रहने दूँगा।ओर उनके वादा 10 नवबंर2018 को पूरा हो गया।गाँव के बादमास लोगों ने सामना किया।फिर भी उसने हार नही मानी ओर उसने डेट के सामना किया।
5 गाँव मे हर गली मे ब्लॉक लगवा दिया।
ओर उसके बाद कई सड़को का काम किया।जनवरी वर्ष 2019 में उनके बेटे जो कि वकील था।उनका एकसिडेट हो गया ओर वाहापे मौत हो गई।उसके बाद सरपंच के पिता कि मोत हो गई।उसके बाद उनका भाई बलदेव विश्नोई की मोत हो गई।अब सरपंच साबह गम है।अब सरपंच का कोई सारा नही है।...😢😢😢😢😢😢😢😢💐
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