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Showing posts from December, 2018

रामू एक अच्छा वे दिल का साफ लड़का था वो लोगो का अच्छा सोचने वालों मे से था।

बोहत समय पहले रामु नाम का लड़का एक गांव में रहता था । उसकी पूरी ज़िंदगी केस्ट में ही बीती वो एक छोटे से वयापारी परिवार में जलमा था  कुछ समय बाद उसके माता पिता दोनों गुजर गए उसकी सारी सम्पति उसके रिश्ते दारो ने लूट लिया बस उसकी एक दादी थी। वो भी कुछ दिन बाद गुजर गयी रामु अकेला पड़ गया उसके बाद रामु अनात हो गया वो कुछ व्यापार करना चाहता था लेकिन उसके पास एक भी पैसा नहीं था छोटे छोटे काम करके वो गुजरा करना चाहता था पर वा पर भी उसकी मुस्किले बड़ी फिर उसने उस गांव से निकल कर कोई दूसरी जगहे काम करने का सोचा और वो गांव से  निकल गया। चलता गया चलता गया फिर उसे एक गांव नजर आया और वो वा चला गया लेकिन उसको उस।  गांव में कोई काम ना मिलने के कारण वो भूख से मर रहा था।  लेकिन किसी ने भी उसको खाना नहीं दिया फिर रामु उस गांव को छोड़ कर जंगल की तरफ निकल गया फिर धीरे धीरे शाम  होने लेगी और रामु पूरी  रात भूखा रहा और सो गया कुछ समय बाद सुबहा हो गयी और रामु जंगल में घूमता रहा फिर एक शादू मिला। रामू ने सादू से का मे बोहत सारा पैसा कमा कर शादी करना चाहता हु।  ...

खाटूश्यामजी भगवान का परिचय महाभारत काल से

1 खाटूश्यामजी भगवान का परिचय महाभारत काल से राजस्थान के सीकर जिले में प्रसिद्ध खाटू ग्राम है इसी गांव में खाटूश्यामजी भगवान का विश्व विख्यात मंदिर स्थित है खाटू श्याम जी भगवान को श्री कृष्ण भगवान का ही अवतार माना जाता है 2 खाटू श्याम बाबा के मान्यताओं के पिछे पौराणिक कथा है युद्ध काल के अन्तीम चरण में  जब कोरव और पांडवों के बीच में युद्ध चल रहा था  तब  पांडवों को कौरवों ने छल से हरा दिया गया और 12 वर्ष का वनवास मिला तब जंगल में एक हिडिंबा नामक राक्षसी से भीम ने विवाह किया और उसके एक पुत्र हुआ जिसका नाम घटोत्कच था जिसका वध कर्ण ने किया  , घटोत्कच का विवाह कामकटंककटा के साथ हुआ जिसके बर्बरीक नाम का पुत्र हुआ  वह बहुत ही भव्य और वीर शक्तीशाली था साथ ही मां जगदम्बा कि तपस्या से अजय होने का वरदान प्राप्त था जब महाभारत का युद्ध चल रहा था तब बर्बरीक युद्ध देखने का इच्छुक था और युद्ध देखने चल पड़ा और उसका एक नियम था कि जो युद्ध में हारेगा में उसे जीताउगा और वह युद्ध देखने चल पड़ा तब भगवान श्री कृष्ण ब्राह्मण का वेश धारण कर उसके सामने आ गये क्योंकि श्रीकृष्ण को...

बाबा रामदेव जी महाराज का जीवन परिचय

1 रामदेव जी महाराज का जन्म भादो शुक्ल पक्ष दूज के दिन वि.स. 1409 में रूणिचा में हुआ जन्म -1409 में भाद्रपद पक्ष धुएं के दिन  समाधी =वि.स. 1442 समाधी स्थल -  रामदेवरा रामदेव जी की पत्नी - नेतलदे पिता  - अजमल जी माता  - मैणादे धर्म- हिंदू रामदेव जी महाराज राजस्थान के लोक देवता है  15वी सताब्दी के आरंभ में  पोकरण गांव व आस पास के गांव में भेरव  नामक राक्षस व उसका भाई आदू राक्षस का अत्याचार बहुत अधिक बढ़ गया था तब अजमाल जी अत्याचार का सामना ना कर पाए   अजमाल जी के कोई भी संतान सुख नहीं था   2 और इसी समय अजमाल जी अपना राज्य छोड़कर  भगवान विष्णु की भक्ति करने लगे और भक्ती से प्रसन्न होकर भगवान ने अजमाल जी को दर्शन दिए तब अजमाल ने भेरव नामक राक्षस के अत्याचारों के बारे में बताया और पुत्र प्राप्ती का वरदान मांगा  तब भगवान विष्णु ने उन्हें स्यम अजमाल जी के घर जन्म लेने का वचन दिया और कहा जब मैं अवतार लुंगा तब पानी का दुध और आंगन में कुमकुम के पैर दिखाई देंगे  ओर अजमाल जी खुशी से झूम उठे और महल में ...